1.10.2013

Lyrics देवा श्री गणेशा

Agneepath-2012-First-Look-Poster-Full-2-hindi

देवा श्री गणेशा.. -१६ बार

ज्वाला सी चल्ती है आखों में जिसके भी
दिल में तेरा नाम है
परवाह ही क्या उसका आरंभ कैसा है और कैसा परिणाम है..
धरती अंबर सितार है
उसकी नजरे उतारे
डर भी उस से डरा रे
जिसकी रखवालीयाँ रे
करता साया तेरा

देवा श्री गणेशा.. -८ बार

हो तेरी भक्ती का वरदान है
जो कमाये वो धनवान है
बिन किनारे की कश्ती है वो
देवा तुझसे जो अंजान है
युँ तो मूषक सवारी तेरी
सब पे है पेहरेदारी तेरी
पाप की आँधीया ना कहाँ
कभी ज्योती ना हारी तेरी..

अपनी तकदीर का वो, खुद सिकंदर हुआ रे
भूल के ये जहान रे, किस किसी लिये हारे
साथ पाया तेरा हेय

देवा श्री गणेशा.. -८ बार

हो तेरी धूली का टीका किये
देवा जो भक्त तेरा जिये
उसे अम्रित का है मोह है क्या
हस के विष का वो प्याला पिये
तेरी महिमा के छाये तले
काल के रथ का पहिया चले
एक चिंगारी प्रक्षोध से
खडी रावण की लंका जले

शत्रुओं की कतारे, इक अकेले से हारे
कण भी पर्भत हुआ रे, श्रोक बन के जहान रे
नाम आया तेरा हेय

देवा श्री गणेशा.. -९ बार
गणपती बाप्पा मोरया

हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे.

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